What if human never existed -Sci-Fi – SAI

दोस्तों जिस तरीके और रफ्तार से इस समय कोरोना महामारी पूरी दुनिया में फैल रही है , और मौतों का आंकड़ा आसमान छू रहा है । ऐसे में हम ये काल्पनिक आर्टिकल लिख रहे हैं , जिसमें हम एक ऐसी दुनिया की सैर करेंगे जिसमें हम इंसानो का कोई अस्तित्व ही नहीं होगा।  तो आईए इस रोचक सफर को शुरू करते हैं………..

 हम इंसानों के खत्म होने के 

एक महीने बाद ……


नदियां फिर से अपने अस्तित्व में आने लगेंगी।

नेचर (प्रकृति )भी पहले की तरह फिर से हरी भरी होनी शुरू हो जायेगी।

धरती से प्रदुषण भी काफी हद तक कम होने लगेगा।

सूक्ष्म जीवों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगेगी। धरती पर रहने वाले अन्य जीवों की संख्या में भी वृद्धि होगी।।।

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एक साल बाद……

धरती पर होने वाले मौसमी बदलावों में बड़ा अन्तर आ चुका है।

समुद्री जीवों में भी फिर से एक उमंग और उत्साह होगा।

प्रकृति मानव – निर्मित संसाधनो को धीरे-धीरे नष्ट करना शुरू कर देगी ,जिनमें आज की बड़ी-बड़ी बिल्डिंगे भी शामिल हैं।



दस साल बाद……


इतने वर्षों बाद धरती नीले ग्रह (Blue Planet) से परिवर्तित होकर अंतरिक्ष से हरे रंग की दिखने लगेगी।

धरती के नष्ट हो चुके सभी जंगल फिर से हरे भरे हो चुके होंगे।

अब तक खतरे में जीने वाले सभी जीव फिर से पूरी तरह अपने अस्तित्व में आ चुके हैं।

नदियों ,तालाबों , झील ,झरनों में हर जगह अब पूरी तरह से स्वच्छ और निर्मल जल बह रहा है ।

आसमान पूरी तरह से स्पष्ट दिखेगा, कोई प्रदुषण नहीं है । 

ग्लोबल वार्मिंग जैसी चीजों का अब कोई अस्तित्व नहीं है।

पचीस साल बाद…..


धरती की दिखने वाली सारी सड़के, हाईवेज़, सब पूरी तरह से पेड़ और  पौधों से ढक चुके होंगे। क्योंकि अब उन पेड़ों को कोई काटने वाला नहीं है।

गांव हों या शहर ,अब सब कुछ पूरी तरह से जंगल में बदल चुके हैं।

जानवरों की दुनिया अब बिना किसी रोक-टोक के आज़ादी से ग्रो कर रही है।

पचास साल बाद……

धरती का स्वरुप बिल्कुल ही बदल चुका होगा, धरती अब पहचान में ही नहीं आ रही है, ये बिल्कुल एक एलियन प्लेनेट की तरह दिखने लगी है ।

मानव-निर्मित ग्रीन हाउस गैसों (Green -House Gases ) का प्रभाव अब धीरे -धीरे खत्म हो चुका है।

धरती पर जितने भी प्लास्टिक बैग्स हैं , वे पूरी तरह से डिकम्पोज़ हो चुके हैं। और प्लास्टिक बोटल्स को अभी पूरी तरह से खत्म होने में और हज़ारों साल लगेंगे।

पूरी दुनिया में समुद्र का स्तर एक फुट तक बढ़ चुका है।

मानव निर्मित सभी बांध अब धीरे-धीरे टूट चुके हैं।

सौ साल बाद…..

इतने सालों बाद अब सभी वन्य जीवों का जीवन सामान्य हो चुका है।

अब सभी मौसमों में नियमित समय से बदलाव हो रह है, लेकिन ठंड थोड़ी बढ़ चुकी है।

मानव द्वारा निर्मित हर चीज़ का अस्तित्व समाप्त हो चुका है , सिवाय कुछ चीज़ों को छोड़ कर। जो अभी नष्ट होने में 200-300 साल लेंगी।

तीन सौ साल बाद…..


मानव निर्मित हर चीज़ का अस्तित्व अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है। सभी बांध , बिल्डिंग्स , एफिल टावर पूरी तरह से नष्ट होकर धरती के नीचे दब चुके होंगे।

पक्षियों की कई नयी प्रजातियों का उदय हुआ है। और इस तरह जानवरों की भी कई नयी प्रजातियों का अस्तित्व भी सामने आया है।

हमारे जाने के बाद केवल धरती पर के जीवों को ही फायदा नहीं होगा, बल्कि जलीय जीवों को भी एक नया जीवन मिल चुका है।

पांच सौ साल बाद……

कुछ बचे-कुछे जगहों पर भी जंगल उग चुके हैं।

और हज़ारों साल बाद ऐसा लगेगा कि धरती पर इंसान थे नहीं। सिर्फ उनकी पत्थरों की कुछ मूर्तियां ही देखने को मिलेंगी।

अब जो कुछ भी बचा वो केवल प्लास्टिक है, जो कि वो भी आने वाले कुछ हजार सालों में नष्ट हो जायेगा।

एक हज़ार साल बाद……..

इतने सालों में तो धरती से हम इंसानों का नामों निशान पूरी तरह से मिट चुका है। और अगर हज़ारों –लाखों सालों बाद अगर फिर से इंसानों का जन्म होता है ,तो उन्हें ये मालूम ही नहीं होगा कि उनसे भी पहले इस धरती पर इंसान मौज़ूद थे।

      आप के मन में यह ज़रूर आना चाहिए ,और आया भी  होगा कि क्या हम इंसानों के पहले भी धरती पर इंसान थे। शायद रहे होंगे, इसका कोई प्रमाण हमारे पास अभी नहीं है।

लेकिन एक बात तो सच है न दोस्तों,कि हम इंसानों ने आज की धरती को बिल्कुल ख़राब कर के रख दिया है। हमारी ऐसी भावना बन गयी है कि इस धरती पर केवल हम इंसानों का एकाधिकार है। 

         अगर अभी समय रहते ,हमने धरती को नहीं बचाया ,तो हम इस धरती पर जीने लायक नहीं बचेंगे और यहां से सभी जीवों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा।            

               वैसे तो इंसानों का समाप्त होना थोड़ा असम्भव सा है,पर यदि ऐसा नहीं होता तो आने वाले 600 सालों में धरती पर से वन्य जीवों का अस्तित्व पूरी तरह समाप्त हो जायेगा ।     

     हमें इस बात को समझना चाहिए कि ये धरती केवल हम इंसानों के लिए ही नहीं है, बल्कि वन्य जीवों के लिए भी है ,जिन्होनें इस पूरे पारिसथितिकी तंत्र ( Ecological System ) को संयमित(Balanced) रखा है। आखिर इतनी उपलब्धियां हासिल करके इंसान करेगा क्या, जबकि वो ये जानता है कि इससे धरती का और उसका विनाश ही  होगा। और इसमें आप ,मैं ,और हम सभी आते हैं । इसलिए हमें अपनी जिम्मेदारियां नहीं भूलनी चाहिए।

     

      दोस्तों हम उम्मीद करते हैं ,आपको यह आर्टिकल पसन्द आया होगा। आप अपने सुझाव हमें कमेंट में जरूर बतायें ,और इस आर्टिकल का लिंक अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ शेयर करें। नीचे आपको शेयर करने के लिए ऑप्शन भी दिये गये हैं।।

Article Link: https://www.superarticlesindia.in/2021/05/What if humans die of Corona.html 

 बहूत-बहूत  धन्यवाद!!!!!!!!!!

       -SuperArticlesIndia

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